3 July 2014

कमिटमेंट : a live सेमीनार

सर्वप्रथम आप लिखिये -
]आपका अगले १-२ वर्षों में …...आप अपना कौन सा लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं ?
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२]आप इस लक्ष्य को क्यूँ हाशिल करना चाहतें हैं ?
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३]यदि आप इस लक्ष्य को हासिल कर लें तो कैसा महसूस करेंगे ?
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४] यदि आप लक्ष्य नही पातें हैं तो आपके साथ कैसी घटनाये घटित होंगी और आप कैसा महसूस करेंगे ?[सभी बुरे कमेंट्स और बुरी घटनाओं को सोच के देखें ]
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हम सभी को प्रतियोगिता में ,धन कमाने में ,आगे बढ़ने के लिए सफल होना हैं |इस तरह के लक्ष्य तो होते हैं किन्तु हम इनको लिखते नही हैं ….जिससे ये लक्ष्य हमारे अवचेतन मन में साकार नही हों पातें |धन कितना और कब कमाना हैं ?आगे कहाँ जाना हैं सफल कब और किस परीक्षा में होना हैं ?जब यह स्पष्ट नही होता हैं तो लक्ष्य हमे प्रेरित नही कर पातें |अस्पष्ट और धुंधले लक्ष्यों से कार्य करने की उर्जा नही मिलती हैं |लक्ष्य निर्धारण का तात्पर्य सही तरह की मेहनत वा सही दिशा की मेहनत से हैं |
सही तरह से लक्ष्य हासिल करने के लिए आपको सफलता के लिए क्रिटिकल फैक्टर खोजना होंगा………………. सफलता हेतु सबसे अधिक क्रिटिकल फैक्टर क्या हों सकता हैं?-“COMMITMENT”
आप अपने लक्ष्यों के प्रति कितना कमिटेड[COMMITTED] हैं ?
90% COMMITMENT और 100% COMMITMENT में अंतर -
मेरे मित्र अपनी B.TECH की पढ़ाई के दौरान [IIT MUMBAI में ] १००% कमिटेड थे|
उनका औसत grade point >9 था 10 points में से |
बाद में उन्होंने सोचा की अगर मैं थोड़ा घूम फिर लू ,मूवी देख लू,तो भी अंतिम साल….. ८ के आस पास ग्रेड प्वाईंट रहेंगा तो भी सम्मान के साथ उतीर्ण होऊंगा |
अर्थात वे केवल ९०% कमिटेड थे पर परिणाम क्या आया ?
उनका ग्रेड प्वाईंट केवल ६.० आया १० में से |90% COMMITMENT और 100% COMMITMENT में अंतर विशाल हैं [केवल ५% का ही नही]
Absolute and Total Commitment:-
भारत की महान शटलर सैना नेहवाल के विषय में हम बात करते हैं |मैंने कहीं पढ़ा था, की सैना नेहवाल शुद्ध वेजेटेरियन थीं और उनका लक्ष्य विश्व की न.एक बैडमिंटन खिलाड़ी बनना हैं |उनके चीन के टूर के दौरान उनके कोच ने उनसे कहाँ की चीनियों को हराने के लिए वह कमजोर हैं उन्हें और शक्ति चाहियें जो भोजन,….. nutrients density का भोजन चाहिये वह शाकाहार से पूरा नही हों सकता उसके लिए तुम्हे माँसाहार लेना चाहिये !!!!!!
साईना नेहवाल इतनी कमिटेड थीं …. की ………….उन्होंने माँसाहार लेना शुरू कर दिया |
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आपकी इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती /समस्या क्या हैं ?
यह एक ऐसी समस्या होनी चाहिये जिसको हल करने के बाद अपनी सफलता की ओर आप बहुत तेजी से आगे बढ़ संके[लिख डालिए] …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

क्या आप सबसे बड़ी चुनौती को हल कर पाने में कठिनाई महसूस कर रहें हैं ?मैं आपको समस्या हल करने का टिप सकता हूँ….. केवल टिप से कोई समस्या एकदम से नही सुलझाई जा सकती इसके लिए आपको पूरे एक सिस्टम की जरूरत होंगी ………………….
सिस्टम /पथ
एक भाग समस्या पर सोच/विचार का हैं ,जैसे प्लानिंग ,या क्या करना हैं ?क्या नही करना हैं?
सफलता कैसे पायें या सफल होने के लियें क्या करें ?
१]concentration :-
ध्यान लगाना हैं,केंद्रित रहना हैं |
पूरी की पूरी टीम[T.E.E.M.] के परिपक्ष्य में--
T-TIME
E-EFFORT
E-ENERGY
M-MONEY
CONCENTRATION से अभिप्राय क्या हैं ?
-फोकस [ध्यान केन्द्रियकरन ], फोकस में शक्ति होती हैं ………….
जैसे मैग्निफायिंग ग्लास से फोकस करने पर कागज जल उठता हैं …….
कैसे CONCENTRATE करें?
लक्ष्य के शिवा अन्य चीजों विकल्पों का त्याग करना हैं |SACRIFICE करना हैं ………………….|
SACRIFICE का तात्पर्य हैं -आंशिक रूप से या पूरी तरह ,किसी ऐसी बस्तु /आदत का त्याग करना जिसकी दूसरी वस्तु /आदत [जिसे ADOPT करना हैं ]की तुलना में कम महत्व/VALUE हों |
जैसे हर साल २०० फिल्मो की बजाय १-२ फिल्मे देखना |
क्या SACRIFICE करे या त्यागे ??????
अन्य रुचियो या आदतों कों जैसे मूवी ….गपशप……..उपन्यास पढ़ना …..खेल ….इत्यादि |
और ………………..अच्छी ट्रेनिंग तथा कोचिंग में इन्वेस्ट करना चाहिये |
और यदि एक बार आपने संकल्प ले लिया की क्या SACRIFICE करना हैं, [जब आप कमिटमेंट कीजिये तो अपनी भी मत सुनिए हा हा हा सलमान खान का डायलाग हैं ]तो………………………………………………………………………….
खुद बा खुद समय वा उर्जा का नष्ट होंना बंद हों जायेंगा ……….
प्रतियोगी परिक्षाओ के कुछ सिद्धांत हैं
१]१०० अच्छे बच्चे जो कोचिंग जातें हैं उसमे कितने % सफल होतें हैं
केवल २ से ५ %.सफल बाकि ९८ से ९५% फेल .

२] ज्यादातर छात्र जो करतें हैं आप भी वही करेंगे[भेड़ चाल में चलेंगे] तो परिणाम …….आपका भी वही होंगा जो ज्यादातर छात्रो का होंता हैं …..और ज्यादातर छात्रों का क्या परिणाम आता हैं -९५-९८% फेल .
३]सफलता और असफलता के बीच सिर्फ एक अंक का फासला[अंतर] होता हैं,और इस एक अतिरिक्त अंक की कीमत क्या हैं ?
||१० लाख या १० करोड़||
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के ३ चरण हैं -
[१]विश्वास एवं नजरियाँ |
[२]पढ़ाई तकनीके
[३]विषय ज्ञान
स्कूल/कोचिंग में सिर्फ तीसरे पर केन्द्रिय करन होता हैं |जबकि [१] और [२] ज्यादा महत्वपूर्ण हैं |
आपको विषयों की कोचिंग के साथ भी बहुत कुछ चाहियें ..
खिलाडियों के कोच क्या करतें हैं ?
उन्हें सर्वाश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु प्रेरित करते हैं
क्या आप सोचतें हैं की सचिन ,सानिया ,साईना जैसी खिलाडियों को उनके कोच खेलना सिखातें होंगे ?
नही |
फिर क्या ?वे उन्हें MIND COACHING देतें हैं |
मन की प्रोग्रम्मिंग सफलता हेतु हम भी कर सकते हैं |मेरा मन टापिक पर लेख पढ़िए |मन बहुत शक्तिशाली हैं इस बात को तो हम समझ ही चुके हैं ,आईये दोस्तों अब हम इस शक्तिशाली मन का सदुपयोग करने की कुछ विधियां अपनाएँ -
१]सेल्फ-टॉक[खुद से सकारात्मक बातचीत या आत्मसुझाव ]-
यह परम शक्तिशाली तकनीक हैं जिससे हम मन की प्रोग्रामिंग कर सकतें हैं ,वह विचार जो हम लगातार सोचते रहतें हैं ,अक्सर हकीकत बनकर हमारे सामने आते रहतें हैं|
मान लीजिए आपको डॉ बनना हैं ,तो आप को अपने विचारों में AIPMT/CPMT/NEET आदि में सफलता के लिए सोचना होंगा |
सही दिशा की मेहनत और सही तरह की मेहनत बहुत महत्वपूर्ण हैं |जीवन में लक्ष्य का तो बहुत ही ज्यादा महत्व हैं एक सही लक्ष्य हमे हमारे सपनो के करीब बहुत तेजी से ले जाता हैं |
जीवन में सही लक्ष्य का बहुत महत्व हैं ,लक्ष्य यानि जीवन का नक्शा |
मान लीजिए आपको इलाहाबाद से लखनऊ जाना हैं ,और आपको कानपुर का नक्शा दिया हैं तो क्या आप उस् नक्शे की सहायता से लखनऊ जा सकते हैं........................................................................................
नही ?
फिर हम गलत नक़्शे की सहायता से अपने जीवन में जो चाहतें हैं वो कैसे हाशिल कर सकतें हैं ?
कुछ लोग लक्ष्य का निर्धारण ५ मिनट में कर लेतें हैं
आप बाजार एक पैंट खरीदने जाते हैं सैकड़ो पैंटो में से एक पैंट चुनतें हैं |फिर आपकी जिंदगी इतनी कीमती हैं उसके लिए लक्ष्य निर्धारण इतने अल्प समय में कैसे कर लेते हैं ?
पूरा सोच विचार ,आकलन करने के पश्चात्.......अपनी स्थिति का सही निर्धारण करने के बाद ही स्मार्ट लक्ष्य बनाने चाहियें |
हमे अपने ज्ञान को लगातार बढाते रहना होंगा क्यूंकि बीते हुए कल में आपका शैक्षिक जानकारी स्तर क्या था ,यह आज पुराना हों चुका हैं आज के अनुसार अपडेट करना होंगा |
खुद को लगातार प्रेरित करना होंगा यदि हमे हमेशा सर्व-श्रेष्ठ प्रदर्शन करना हैं तो ....
ज्ञान मे शक्ति बनने की परम शक्ति हैं |
जीवन में संघर्ष के बिना कुछ हाशिल नही होता किसी कवि ने कहा हैं , ने कहा हैं
समर में घाव खाता हैं ,
उसी का मान होता हैं .
छिपी उस वेदना में ,
अमर वरदान होता हैं ,
सृजन में चोट खाताहै,
छेनी और हथोरी से ,
वही पाषाण कही मंदिर में
भगवान होता हैं .......
२]विजुलायिजेसन [रचनात्मक कल्पना करना]
अपनी मनचाही वातु,व्यक्ति या घटना कअपने मस्तिष्क में देखना ही रचनात्मक कल्पना हैं |यह एक क्रिया हैं जिसमे मनुष्य सृजन ,दृष्टी,कल्पना ,अनुभव द्वारा अपने मानस पटल पर हम प्राप्ति का,अपने पसंद के नए व्यक्तित्व का चित्रांकन करतें हैं |अपने लक्ष्य की कल्पना कीजिये और उसका मानसिक पर्दे पर इस प्रकार चित्रांकन किजीयें जैसे आपने उसे पा लिया हों |पूरे मनचाहे परिणाम को देखना हैं ,उसे इन्द्रियों द्वारा महसूस करना हैं |गंध महसूस किजीयें |,रंग देखिये |ताप महसूस कीजिये ,सफलता खुशी का अनुभव किजीयें |
इन रहस्यों को जानने के बाद अब आपके सफल होने का मौका १० गुणा बढ़ जाता हैं
आकडो के अनुसार ..आपके साथ प्रतियोगी परिक्षाओ में बैठने वाले ९०% लोग ABSOLUTELY AND TOTALLY कमिटेड नही होते और यदि आप ABSOLUTELY AND TOTALLY कमिटेड हैं तो आपका कम्पटीशन सिर्फ १०% लोगों से होता हैं|
आप खुद से सवाल कीजिये कितना DEEPLY और STRONGLY आपको विश्वास हैं की आप सफल होंगे?
क्या आप अपनी अधिकतम सफलता के लिए कुछ भी करेंगे मसलन -
-DECIDE TO WORK HARD +SMART WORK.
-JOIN BEST COACHING/SELF DEVELOPMENT PROGRAAMME.
-GET BEST TOOLS FOR STUDY .
-READING MY BLOG REGULARLY




4 comments:

  1. बहुत ही अच्छी उपयोगी पोस्ट उन सभी के लिए जो जीवन की चुनौतियों का सामना करना चाहते हैं ... और अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहते हैं ...

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  2. बहुत सारगर्भित आलेख...

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  3. अजय जी बहुत ही उपयोगी और जीवन को प्रेरणा और एक दिशा देने वाली अद्भुत जानकारी भरा लेख
    बधाई
    भ्रमर ५
    जम्मू और कश्मीर

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  4. बहुत खूब है...

    ReplyDelete

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