21 September 2013

"how to select your life partner"अपना जीवन साथी कैसे चुने?[भाग-2]



शादी कब करें ?

हमारे देश में इस विषय में उम्र के सिवाय कोई नियम नही हैं ,लड़की की उम्र १८ या अधिक ,तथा लडके की २१ या अधिक होनी चाहिये ,मेरे ख्याल से जब कोई व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व हों तभी उसे विवाह करना चाहिये |क्यूंकि विवाह से अनेक जिम्मेदारियाँ आती हैं ,अपने साथ साथ परिवार की भी जरूरतें पूरी करनी होतीं हैं |
आधुनिक समाज का सबसे सकारात्मक बदलाव ये हैं की लड़किया/लडके मनपसंद साथी चुन सकते हैं |जीवन साथी चुनाव के समय दिल और दिमाग दोनों का इस्तेमाल करना चाहियें |
किसी को केवल दिल या कुंडली के आधार पर नही चुनना चाहियें ,शादी करने से पहले खुद को अच्छी तरह से जान लेना जरूरी हैं .की आपकी अवश्यकताएँ क्या हैं ?आपकी इच्छाएं क्या हैं ?आप किस प्रकार का जीवन साथी चुनना  चाहतें हैं ?
                                         

  हम प्रेम में हैं तो क्या हमें शादी कर लेनी चाहिये?



अक्सर मुझसे लोग सवाल करतें हैं |
मैं कहता हूँ -“नही”|
केवल प्रेम ही शादी का एकमात्र कारण नही होना चाहियें,बल्कि अच्छी शादी का परिणाम प्रेम होना चाहिये |जब अन्य सभी तत्व [INGREDIENTS] सही होते हैं ,तो प्रेम खुद बा खुद आ जाता हैं |
रिश्तों को बखूबी पोषित करने के लिए सिर्फ प्रेम ही पर्याप्त नही हैं.................... बल्कि ..Caring,Sharing………..Understanding…….Loyalty……Taking Responsibility………flexibility भी जरूरी तत्व हैं |

शादी के लिए आदर्श CRITERIA क्या हों ?

सफल शादी की नीव शादी वाले दिन के काफी पहले ही रख दी गयी होतीं हैं ,यह आपका जीवन हैं ,मैं फिर कहूँगा की सबसे पहले आप खुद को जानियें फिर निर्धारित कीजिये की आपको कैसा जीवन साथी चाहियें ?फिर भी कुछ चीजों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा -

१]शारीरिक आकर्षण :-हमारें भारतीय समाज में शादी से पहले लड़का/लड़की देखने की परम्परा हैं |आपका LOOK  महत्वपूर्ण हैं चाहें आप लड़का हों या लड़की |ऐसा जीवन साथी चुने जो आपके लिए खूबसूरत हों तथा जिसे आप भी आकर्षित करते हों |कुछ लड़कियां सुंदर रंग रूप वाले लडको को पसंद करती हैं जबकि कुछ लंबे ,गहरे रंग के सुंदर लडको को |Thumbs up

किन्तु सावधान !केवल बाहरी रूप रंग इस बात की गारंटी नही दे सकते की व्यक्ति अच्छा ही होंगा |बाहरी रूप रंग समय के साथ नष्ट हों जाता हैं ,किन्तु मानवीय गुण बने रहतें हैं |

२]रुचियो में अधिकतम समानता :-

ऐसे व्यक्ति को चुनिए जिसकी ज्यादा से ज्यादा रूचियाँ आपसे मिलती हों …LIKES……DISLIKES….HOBBIES…PRIORITIES etc.हालाँकि दो लोगों के सभी गुण एक समान नही हों सकते फिर भी ज्यादा से ज्यादा गुण मिले तो बेहतर होंगा ……|

३]उम्र में उचित अंतर :-उम्र में ना तो बहुत ज्यादा ना ही बहुत कम अंतर होना चाहियें ,क्यूंकि इससे वैवाहिक जीवन प्रभावित होता हैं ,biologically,mentally,psychologically नर एवं मादा की विभिन्न उम्र में भिन्न भिन्न दर से वृद्धि होतीं हैं |लड़कियां शारीरिक रूप से लडको की तुलना में जल्द परिपक्व होती हैं |लड़के मानसिक रूप से ,लड़कियों की तुलना में जल्दी परिपक्व हों जातें हैं |यदि पति की उम्र पत्नी से १० वर्ष ज्यादा हों तो पति हमेशा पत्नी से अपने परिपक्वता के अस्तर का व्यवहार चाहेंगा |हालाँकि आदर्श रूप से एक पति थोड़े ज्यादा उम्र का होना चाहिये |

व्यक्तित्व का प्रकार :-

व्यक्तित्व महज एक शब्द हैं किन्तु इसमें ढेर सारी चीजे निहित हैं आप देखिये की आपका भावी साथी extrovert हैं या  introvert|यदि आप extrovertहैं तो extrovert साथी चुनियें ….यदि आप introvert हैं तो introvert जीवन साथी खोजियें |आप अपने भावी साथी में IQ[बुद्धि का अंक ],SQ[आध्यत्मिकता का अंक],EQ[भावनात्मक अंक ]या भावनात्मक स्थायित्व ,जीवन दर्शन ,जीवन के प्रति नजरिया ,आदतें ,परिपक्वता ,सहमती ,पसंद नापसंद देख सकतें हैं |

शैक्षिक पृष्ठभूमि :- 
 किसी की शिक्षा पर ना जाकर ये देखना ज्यादा जरूरी हैं की कितना ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति हैं |केवल डिग्री रखने वाला जरुरी नही की ज्ञानी भी हों |किसी ऐसे को जीवन साथी चुनिए जो स्मार्ट हों,सोचने की क्षमता रखता हों ,परिपक्वता वा बुद्धिमत्ता से कार्य करता हों तथा जिसका मानसिकस्तर आपके मानसिक स्तर से मिलता हों |

पारिवारिक पृष्ठभूमि-

शादी केवल २ व्यक्तियों का नही बल्कि   २ परिवारों का सम्बन्ध हैं ,एक व्यक्ति अपने परिवार की आदतों एवं संस्कारों से प्रभावित रहता हैं ,परिवारों की लगभग एक जैसी पृष्ठभूमि अच्छी शादी के लिए आवश्यक हैं |इससे दूसरे परिवार में एडजस्ट होने में मदद मिलती हैं |

अभिभावकों का नजरिया :-

अभिभावकों का नजरिया बहुत महत्वपूर्ण हैं क्यूंकि बच्चे भी इसे अपना लेते हैं |बहुत अच्छी तरह जांच पड़ताल करना जरुरी हैं की किस परिवार में आप विवाह कर रहें हैं |आशावादी ,निराशावादी……..आदि आदि मुद्दे|

समुदाय का प्रकार:-

व्यक्ति किस समुदाय का हैं ?इससे भी वैवाहिक जीवन प्रभावित होता हैं |यदि एक ही समुदाय के दोनों व्यक्ति हैं तो आपको धार्मिक कृत्यों ,त्योहारों ,रीति रिवाजो  को नये सिरे से नही सीखना रहता |किन्तु अलग समुदाय में सबकुछ नये सिरे से सीखना होता हैं |

धार्मिक पृष्ठभूमि:-

हमारी संस्कृति में धर्म महत्वपूर्ण हैं ,और आस्था परम शक्तिशाली |कोई व्यक्ति जो बहुत धार्मिक हों,रोजाना मंदिर जाता हों ,धर्म के अनुरूप हर कार्य करता हों किन्तु उसकी पत्नी को बिलकुल रूचि ना हों इन सब में तो उस व्यक्ति को मानसिक  चोट पहुँच सकती हैं |सन्यासी फिल्म का वो गाना तो आपको याद ही होंगा ‘चाल सन्यासी मंदिर में…..’

व्यावसायिक पृष्ठभूमि :-

मान लीजिए एक स्त्री चाहती हैं की उसका पति घर जल्दी लौट आया करे तो वह उस व्यक्ति के साथ ज्यादा खुशी महसूस करेंगी जो १० से ६ तक वाले जाब में होंगा ,क्यूंकि वह शाम को लौट आता हैं,किन्तु यदि उसकी शादी किसी ऐसे व्यक्ति से कर दी जाएँ जो सेना नौसेना ,या जहाजरानी में हों  एवं घर से ज्यादा वक्त बाहर बिताता हों,तो वह उतना खुश शायद न रहें |
इसी तरह यदि एक लड़का एक ऐसी लड़की को चाहता हैं जो उसकी परवाह करे घर पर रहे तो उसे ज्यादा महत्वकांक्षी कामकाजी लड़की से शादी नही करनी चाहियें |

आर्थिक पृष्ठभूमि:-

धन सब कुछ नही हैं फिर भी बहुत कुछ हैं |जरूरत से ज्यादा शोपिंग करने वाले लोगों से बचे जो बिना किसी खास वजह के घर में कबाड़ इकठा करते हैं |आप विचार कीजिये की अपने साथी के साथ आर्थिक मामलो में अडजस्ट कर संकेगे की नही |   


एक दूजे के लिए सम्मान :-

यदि आपने अपने वाले को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया हैं,तथा एक दूसरे की इज्जत करतें हैं , तो यह रिश्तों का स्वस्थ्य संकेत हैं |हम सभी विशिष्ट वा अदभुत हैं तथा हमेशा प्यार वा सम्मान के भूखे रहतें हैं ,चाहे वह परिवार से ,सहकर्मियों से या जीवन साथी से मिले |

शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य :-

कुछ लोग शादी से पहले बीमारियो को छुपातें हैं ,और बाद में यह प्रकट हों जाती हैं [धोखा ].हमे अपने भावी जीवन साथी से अपनी शारीरिक स्थिति पर जरुर विमर्श करना चाहियें |कुछ टेस्ट ऐसे होते हैं जिनको जरुर कराना चाहिये |हालाँकि मेडिकल साईंस आज बहुत आगे हैं |………
[क्रमशः ]
written by @ Dr.Ajay Yadav {9807359881}

20 September 2013

"how to select your life partner" अपना जीवन साथी कैसे चुने?[भाग-१]


{दोस्तों !जल्द ही मेरे एक मित्र शादी के बंधन में बधें हैं ,उनको देखकर लगा की कुछ वर्षों में अपनी भी बारी आ सकती हैं ,फिर क्यूँ न इस महत्वपूर्ण अवसर की पहले से तैयारी कर ली जाय ,इसीलिए मैंने विवाह पर एक शोध किया की "अपना जीवन साथी कैसे चुना जाए" लीजिए ..इस शोध से आपको भी रूबरू करता हूँ } 

लोग विवाह क्यूँ करते हैं इसका कोई परिभाषित कारण नही हैं फिर भी हममे से ज्यादातर ऐसा करतें हैं |हम सभी के जीवन में कुछ इच्छाएं होती हैं ,जैसे शारीरिक ,मानसिक या भौतिक |इन इच्छाओ की पूर्ति के लिए लोग शादी करते हैं |फिर भी कुछ कारण निम्न हों सकतें हैं -
प्रेम की आकांक्षा :-हम सभी का स्वप्न होता हैं कोई स्पेशल हों जिसे हम दिलोजान से चाहें ,हालाँकि हमारे साथ परिवार ,मित्र, पडोसी ,सहकर्मी सभी होते हैं और हम उन्हें प्रेम भी करतें हैं किन्तु यह पर्याप्त नही होता हैं |
हमे एक विशिष्ट व्यक्तित्व की आकांक्षा होती हैं ,जिससे हम प्यार करें और अपना परिवार बढ़ाएं |
जिससे हम अपना सबकुछ शेयर कर सके ,जो हमारे साथ सदैव हों और जीवन का अभिन्न अंग हों |
प्यार पाने की इच्छा :-हमें जाहे जितना प्यार मिले पर ‘ये दिल मांगे मोर’.|कोई मुझे समझने वाली हों |परवाह करने वाली हों और सपनो में सहभागी हों ,मेरे प्रति शुभेच्छु हों ,स्पेशल मोमेंट्स के हर क्षण को सेलिब्रेट करतीं /करता हों |No matter come what may ,who will always with you and love you the way you are.

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सामाजिकता[लोंगो के साथ होने की भावना ]:-
मानव एक सामाजिक जीव हैं ,जो नितांत निर्जन में एकांत में नही रह सकता ,हमे आस-पास के लोगों की जरूरत होतीं हैं ,जब हम शादी करते हैं तो नये रिश्ते बनतें हैं हम ऐसे अपरिचित लोगों से मिलतें हैं जिनसे पहले भेट नही हुयी रहती हैं |
Recognisation and Approval पाने की इच्छा “:-
याद कीजिये एक छोटे बच्चे के रूप में हमे हमेशा approval की जरूरत पड़ती थी,की हम कैसे दिख रहें हैं ,क्या पह्न्तें हैं ,छोटे बच्चों के रूप में लोग हमें हमारें परेंट्स के जरिये पहचानतें हैं |किन्तु जैसे जैसे हम बड़े होतें हैं हमे अपनी पहचान खुद बनानी होती हैं ,इसमें शादी का महत्वपूर्ण योगदान हैं|शादी के दौरान लोग हमे जोड़े के रूप में जानने लगते हैं |
सुरक्षा की भावना:-
कोई ऐसा हों जो हर तरह से आर्थिक रूप से ,मानसिक रूप से,भावनात्मक रूप से हमारी मूल भूत अवश्यकताओ भोजन ,कपडा ,शरण ,वा भावनात्मक जरूरतों की परवाह करता हों ,जिससे बात करना हमेशा प्यारा लगे ,जिससे मन की बात कह सकें |
परिवार स्थापित करने की भावना
परिवार सहकर्मियों या मित्रों से ही नही बनता बल्कि इसके लिए शादी करकें बच्चे पैदा करने पड़ते हैं |
सामाजिक रीति रिवाजो और सामाजिक स्वीकार्यता का प्रभाव-
विश्व के किसी भी समाज  सा सभ्यता को देखे ,हर जगह विवाह एक परम्परा हैं ,हालाँकि रीति रिवाज,संस्कृति ,और उत्सवधर्मी प्रकृति भिन्न भिन्न हों सकतें हैं किन्तु विवाह हर जगह होता हैं |एक जोड़ा सम्मान और स्वीकृति तब पता हैं जब वह सदैव एक दूजे के हों जाता हैं |हमारी सभ्यता लिव इन रिलेशनशिप को स्वीकृति नही देती|
आर्थिक सुरक्षा की भूमिका :-Auto,Airplane,School bus.
धन सबकुछ नही किन्तु बहुत कुछ हैं ,आज पति पत्नी दोनों कामकाजी हैं,दोनों साथ मिलकर अपने जीवन यापन के तौर तरीको को और ऊँचाई प्रदान कर सकतें हैं |इस प्रकार से आर्थिक सुरक्षा बढती हैं |

सामाजिक स्तर स्थापित करने की भावना :
अपने स्तर और नाम को स्थापित करने के लिए हम शादी करते हैं,वे लोग जिन्होंने अपने जीवन को महान कार्यों के लिए समर्पित किया हैं और शादी न करने का निर्णय किया हैं वे अपवाद हैं ,जैसे कलाम साहब ,जैन गुरू,साधुसंत ,कुछ डॉ आदि ,किन्तु यदि कोई व्यक्ति बिना किसी कारण के व्याह नही करता या सर्वगुण संपन्न साथी ना पाने के कारण तो समाज में उसे निम्न समझा जाता हैं लोग उसके विषय में नकारात्मक बोलते हैं |

What counts in making a marriage happy is not how compatible you are
but how you deal with incompatibility”-george levinger

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